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कुंभ मेले में भगदड़ कब और कैसे शुरू हुई चश्मदीदों ने बताया पूरा वाक़या



प्रयागराज में संगम पर बुधवार को रात डेढ़ बजे के क़रीब कुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई.

इसमें कई लोगों के मारे जाने की आशंका है और दर्जनों लोग ज़ख़्मी हुए हैं.


भगदड़ के कई वीडियो फ़ुटेज में साफ़ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं. भगदड़ से प्रभावित हुए श्रद्धालु कुंभ मेले की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने डॉक्टरों के हवाले से कम से कम 15 लोगों के मारे जाने ख़बर दी है. हालांकि लंबे समय तक सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप थे.

अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट करके लोगों से अफ़वाह पर ध्यान न देने को कहा है. वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार से श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था करने की अपील की है.

दिल्ली से आए उमेश अग्रवाल नामक एक श्रद्धालु ने बीबीसी से बात की है और उन्होंने बताया कि ये घटना कैसे हुई. उन्होंने बताया कि वो घाट की ओर जा रहे थे और काफ़ी संख्या में लोग जल्दी-जल्दी जा रहे थे.

उन्होंने बताया, "जब लोग स्नान के लिए जा रहे थे, तभी बैरिकेडिंग के पास लोग सोए हुए थे. इसके चलते लेटे हुए लोगों के पैरों में फंसकर कुछ लोग गिर गए. जहां कुछ लोग गिरे तो उसके चलते पीछे से आते लोगों की भीड़ एक के ऊपर एक गिरती चली गई."

कर्नाटक के बेलगाम से आईं कि वो स्नान के लिए जा रही थीं तभी न जाने भीड़ कहां से आई और पीछे की ओर धकेलने लगी.

उन्होंने बताया कि वो 60 लोगों के समूह के साथ कर्नाटक से आई थीं और उनके पांच साथियों का अब तक पता नहीं है. उन्होंने बताया कि उनको प्रशासन ने एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस से ही कि भगदड़ में वो अपने माता-पिता और बच्चों के साथ दब गए थे.

उन्होंने बताया कि भीड़ एकाएक बढ़ गई और लोग उनके ऊपर से चलकर जाने लगे. 

'घटनास्थल पर शव पड़े थे'


चित्रकूट से आए कि उन्हें संगम के तट के पास रोक दिया गया था जिसके बाद भगदड़ मच गई और उनके बहनोई लापता हो गए.

उन्होंने दावा किया है कि जब वो घटनास्थल पर अपने बहनोई को तलाशने गए तो वहां पर शव पड़े थे, अब प्रशासन ने मोर्चरी जाने को कहा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई से भगदड़ की प्रत्यक्षदर्शी रही

''वहाँ अचानक से भगदड़ हुई. आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था. हम जिनसे मदद मांग रहे थे, वे हँस रहे थे. हम अपने बच्चे को लेकर भीख मांग रहे थे. कई बच्चे सीरियस हैं.''

मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक श्रद्धालु ने कहा, ''मेरी माँ भगदड़ में ज़ख़्मी हो गई हैं. वहाँ न तो कोई पुलिस थी.

कोई मदद के लिए नहीं आया. कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं. मेरी माँ का भी पता नहीं है कि वो बचेगी या नहीं. बहुत गंभीर स्थिति थी.''


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